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क्रिकेट के बदले कबड्डी, पश्चिमी देशों में ऐसा चढ़ा खुमार कि 2025 में होगा कबड्डी वर्ल्डकप, आखिर क्यों भा रहा फिरंगियों को ये देसी खेल?

नई दिल्ली: कबड्डी का जन्मदाता भारत ही था। इतिहास खंगालने पर मालूम पड़ता है कि इस खेल को पहले बार दक्षिण भारत के तमिलनाडु में अपनाया गया था। देखते ही देखते भारत में यह खेल लोकप्रियता के सोपान चढ़ता गया। हालाँकि अलग-अलग क्षेत्रो में इसे अलग-अलग नामों से पहचान मिली पर खेल के कायदे एक ही रहे। समय बीता तो कबड्डी की लोकप्रियता ने भारत की सरहदों को पार कर लिया नतीजतन पहली बार 1936 में इसे बर्लिन ओलम्पिक में शामिल किया गया और तब से लेकर आजतक भारत में जन्मा यह खेल दुनिया भर के हिस्सों में खेला जाने लगा। बच्चो से लेकर हर उम्र, लिंग के बीच कबड्डी ने ऐसी प्रसिद्धि हासिल किया कि आज कबड्डी के लिए महंगे लीग आयोजित किये जा रहे है। खेल के साथ ही करोड़ो का व्यापार हो रहा, नए खिलाड़ी उभरकर सामने आ रहे।

भारत में कबड्डी लीग की शुरुआत

पिछले कुछ दशक में जब क्रिकेट और फुटबॉल दूसरे खेलों के लिए चुनौती बने हुए थे इस बीच भारत में सन 2014 में पहली बार प्रो कब्बडी के नाम पर लीग की शुरुआत की गई। कबड्डी के लीग चैम्पियनशिप का यह पहला सीजन था लिहाजा लोगों में भी इसे लेकर खासी दिलचस्पी देखने को मिली। यह दुनिया का पहला शीर्ष फ्रेंचाइजी-आधारित कबड्‌डी टूर्नामेंट भी बना। 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से, पीकेएल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बाद देश में दूसरी सबसे ज्यादा देखी जाने वाली खेल लीग बन गया। हालाँकि इस लीग की प्रेरणा 2006 में दोहा-कतर में हुए एशियाई खेलो को माना गया जहां इसे कवर किया गया था। 2014 में इस लीग की शुरुआत से मानों कबड्डी का पुनर्जन्म हो गया।

प्रो कबड्डी लीग के पहले सीजन में आठ टीमों ने अपनी हिस्सेदारी की थी लेकिन 2017 के सीजन 5 में गुजरात जायंट्स, हरियाणा स्टीलर्स, यूपी योद्धा और तमिल थलाइवाज के साथ प्रो कबड्डी का विस्तार 12 टीमों तक हो गया। पीकेएल भारत के साथ पूरी दुनिया में कबड्डी को लोकप्रियता दिलाने में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ। 2017 में पीकेएल के राइट्स चीनी फोन निर्माताओं वीवो ने लगभग ₹300 करोड़ में हासिल किए थे। आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के बाद यह भारत में दूसरी सबसे बड़ी स्पॉन्सरशिप डील भी बनी।

अब पश्चिमी देशों में भी पॉपुलर

बात मौजूदा दौर की करें तो कबड्डी की लोकप्रियता उस देश तक जा पहुंची जहाँ से क्रिकेट ने जन्म लिया। जी हां हम बात कर रहे है ब्रिटेन की। ब्रिटेन में इन दिनों कबड्डी ने खासी पॉपुलरिटी हासिल की है खासकर कबड्डी लीग के बाद यहाँ इस खेल के लिए बाकायदा स्टेडियम भी रिजर्व भी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक़ 12 काउंटी के स्टेडियम में कबड्डी का रोजाना प्रेक्टिस सेशन शुरू किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि इन दिनों इंडोर स्टेडियम्स को बाकायदा रिजर्व कर दिया गया है। यहाँ हर दिन साउथ एशियन बच्चे जिनमे ज्यादातर भारतीय मूल के बच्चे शामिल है उनके साथ ब्रितानी भी कबड्डी के इस सेशन में हिस्सा लेने पहुंच रहे है

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