
कोरबा – राजनीति में नेताओ की जुबान फिलसना या श्रेय की राजनीति करना कोई नई बात नहीं है लेकिन जब नेताजी श्रेय लेने के फेर में गुरु मां को ही दरकिनार करने लगे तो कहना गलत नहीं होगा कि गुरु गुड़ रह गए और चेला शक्कर बन गया। हम बात कर रहे कोरबा विधायक और छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की चुनाव के नजदीक आने के साथ ही नेताजी हर बार के तरह ही बरसाती मेढक सरीके सक्रिय हो जाते है। इतने सक्रिय कि उन कार्यों को भी अपना बताने और राजनैतिक लाभ लेने से भी गुरेज नहीं करते जो इन्होंने किया ही नहीं है। एक निजी टीवी चैनल में दिए इंटरव्यू में नेताजी ने उन सभी कार्यों को अपना बता दिया जो इनके कहने पर सीएम ने स्वीकृत किया ही नहीं और इशारे – इशारे में उन्होंने सांसद को निष्क्रिय बता दिया।
Inh के कार्यक्रम से लिया वीडियो
चेला गुरु पर भारी इस आशय की रिपोर्ट ग्राम यात्रा न्यूज नेटवर्क ने कुछ दिनो पूर्व ही प्रसारित की थी। जिसमें बताया गया था कि कैसे चेले के कारण ही गुरु अपनी जमीन तलाशने को मजबूर है। अब उनकी धर्मपत्नी के लोकसभा क्षेत्र में किए गए कार्यों का श्रेय भी विधायक जी ले रहे हैं।। ऐसे में अपने कार्यकाल में सांसद ने क्या किया है इस पर भी प्रश्न उठने लगे हैं। मेडिकल कॉलेज से लेकर उन सभी कार्यों का श्रेय विधायक ने स्वयं ले लिया जिनके लिए प्रयास सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने किया है।
खैर अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली कहावत के साथ ही टिकट की आस, जनता का विश्वास जीतने के लिए कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने यह भी कहने से परहेज नहीं किया कि उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों से अभद्रता करने से कोई एतराज नहीं है । उन्होंने इस बात का उल्लेख कोरबा में बढ़ती राख की समस्या को लेकर कहा। उनका कहना था कि कोरबा को राख की समस्या देने में पूर्ण रूप से बालकों का हाथ है। ये वही बालको है जहां कभी विधायक जी व उनके पारिवारिक फर्म ठेका लिया करती थी, पिछले 15 साल में एक बार भी बालको का मसला इन्होंने विधानसभा में नहीं उठाया बल्कि बालको के कार्यों में अवरोध को दूर करने का काम जरूर अघोषित रूप से करते रहे है। अब अधिकारियों से अभद्रता और बालको के खिलाफ नाराजगी की वजह कोरबावासियो से छुपी नहीं है उस पर फिर कभी बात होगी।
बात इंटरव्यू की हो रही थी यहां राजस्व मंत्री ने अपने तारिफों के पुल बांधते बांधते उस समय पर पहुंच गए जब उनकी पत्नी नगर पालिक निगम में बतौर महापौर हुआ करती थी। विधायक के अनुसार तब से लेकर अब तक पूरे क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया है, सभी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया गया, घर-घर बिजली का कनेक्शन भी दिया गया, लोगों के लिए राशन कार्ड की व्यवस्था भी विधायक व उनकी पत्नी ने करवाया है ऐसे में सवाल उठता है कि जब समस्या का निराकरण हो गया है तो फिर आए दिन सड़क जाम होने के कारण लोग चक्का जाम क्यों कर रहे हैं ? क्यों आज से लगभग 3 दिन पूर्व बच्चे स्कूल जाने से चूक गए ?
ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि जिन सड़कों का जाल विधायक ने बिछाया है वह जाल आखिर है कहां? सिर्फ बिजली कनेक्शन देने से ही बात नहीं बनेगी, शहर में बिजली भी होनी चाहिए। राशन दुकानों में चक्कर लगाते लोग आपको आए दिन नजर आ जाएंगे । ऐसे में राजस्व मंत्री किस विकास की बात कर रहे हैं यह तो वही जाने। कभी तत्कालीन महापौर जोगेश लांबा को चैलेंज कर एक वार्ड समस्या मुक्त नहीं होने का दावा करने वाले जयसिंह अग्रवाल न तो अपने वार्ड न ही महापौर राजकिशोर प्रसाद के वार्ड को समस्या मुक्त बना सके है जबकि नगर निगम में साल 2014 में पहली इनकी पत्नी रेणु अग्रवाल और कांग्रेस से राजकिशोर प्रसाद महापौर है।
हाल फिलहाल में शहर की दुखती नस बन चुकी सर्वमंगला इमली छापर कुसमुंडा रोड को लेकर भी विधायक ने कहा कि सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से रुपए लेकर सड़क का कार्य कराया जा रहा है । इस सड़क के लिए उनके द्वारा चक्काजाम भी किया गया था । सूत्र बताते हैं कि इस सड़क का निर्माण भी पेटी कॉन्ट्रेक्ट विधायक के परिजनों को मिला हुआ है। जिसके बेतरतीब कार्य की वजह से सड़क हादसे रोज वहां हो रहे है।
चारो तरफ सफेद राख, सुंदर- सुंदर गड्ढों से भरी सड़के और उनपर बेधड़क चलते भारी वाहन यही पहचान है कोरबा की। वहीं कोरबा जिसकी रोशनी से जहां देश का कोना-कोना रोशन हुआ करता है। आज वही कोरबा अपने निष्क्रिय नेताओं के कारण अंधेरे में डूबता जा रहा है ।।कोरबा की धरती को चीरकर खनिज संपदा का दोहन कर उसके राजस्व को राजस्व नेता, अधिकारी डकार जाते हैं। यहां भी केवल धूल और राख ही जनता के हिस्से में आती है। ऐसे में विकास की बखिया उधेड़ने वाले नेता अपनी पीठ थपथफाने का मौका नहीं छोड़ते। राजनीति शायद इसी को कहते है। कोरबा में कांग्रेस खेमे से हो रही राजनीति में राज तो है लेकिन नीति नज़र नहीं आती है।