तीसरे दिन भी जिद पर अड़ा रहा ठेकेदार, मुंह चिढ़ाते देखी जा सकती हैं आरएसएस नगर व शिवाजी नगर के सफाई ठेकेदार को सड़क के किनारे और नालियों में बजबजाती गंदगी
नगर निगम के अधिकारीयों पर उठ रहे सवाल, ठेकेदार से ऐसा क्या मोह अधिकारी का ?

कोरबा। शिकायतें हुए, मीडिया की सुर्खियां बनी और फिर नगर निगम के जुर्माने के साथ चेतावनी तक भेज दी, पर पंडित रविशंकर शुक्ल नगर और शिवाजी नगर की गंदगी और सफाई ठेकेदार की जिद है की खत्म होने का नाम नहीं ले रही। कमिश्नर की सख्ती के बाद भी तीन दिन गुजर गए, पर ठेकेदार ने कूड़े-करकट का अंबार हटाने की जहमत नहीं उठाई। आलम यह है कि ठेकेदार की मनमानी बयां करते कॉलोनी के मैदान, सड़कों का किनारा और नालियां अपने कूड़ा-करकट से लोगों व निगम के अफसरों का मुंह चिढ़ाते अब भी पड़े देखे जा सकते हैं।

वार्ड 23 पंडित रविशंकर शुक्ल नगर व शिवाजी नगर में सफाई का ठेका चलाने वाले ठेकेदार राजीव जायसवाल के नाम एक दिन पहले ही नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी नगर ने एक नोटिस जारी किया था। नगर निगम के आयुक्त के निर्देश पर इस पत्र में वार्ड क्रमांक 23, 24, 25, 26, 27 व 30 रविशंकर नगर जोन क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर चेतावनी दी गई थी ठेकेदार को लिखा गया था कि नगर पालिक निगम क्षेत्रांतर्गत रविशंकर नगर जोन क्षेत्र के इन वार्डों की साफ-सफाई व्यवस्था कार्य का ठेका राजीव जायसवाल के द्वारा लिया गया है। इसमें यह भी बताया गया कि विभागीय अमले द्वारा 11 मार्च को इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान पाया गया कि वार्ड कमांक 23 में जगह-जगह सफाई कार्य से उत्सर्जित अपशिष्ट के ढेर पड़े हुए हैं। सफाई कार्य से उत्सर्जित अपशिष्ट के परिवहन के लिए संलग्न वाहन भी कालोनी के अंदर कचड़ा भरकर खडे़ रहते हैं, जो अनुबंध की नियम एवं शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके मद्देनजर अनुबंध की कंडिका-13 के अंतर्गत पांच हजार रुपये का अर्थदण्ड ठेकेदार राजीव जायसाल पर लगाया गया।

इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो, अन्यथा अनुबंध की नियम एवं शर्तों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। पर इस नोटिस, जुमार्ना और चेतावनी का कोई खास असर ठेकेदार पर पड़ना नहीं दिख रहा। आज तीसरे दिन भी कॉलोनी में जहां-तहां पड़ा कचरा वहीं का वहीं पड़ा मिला। इससे अंदाजा लगाना मुश्किल न होगा कि वर्षों से रुआब व रसूख की आदत लगाए बैठे ठेकेदार की जिद जनता की मुश्किलों को दूर करने आड़े आ रही है। वहीं नगर निगम के अधिकारियों र भी सवाल खड़े हो रहे हैं की ऐसे ठेकेदारो से भला इनका कौन-सा रिश्ता है जो इनपर कठोर कार्यवाही करने से बच रहे हैं
ऐसा इनसे इनका क्या स्वार्थ सिद्ध हो रहा है की बचाव की मुद्रा में अधिकारी खड़े हैं
खैर तेज़ तर्रार आई ए एस निगम आयुक्त, को आख़िर कब तक गुमराह कर सकते हैं जब आयुक्त का हंटर चलेगा तो अधिकारी और ठेकेदार दोनों बाहर नज़र आ सकते हैं जनता सब जानती है!