
अहमदाबाद : मोदी सरनेम मामले में मानहानि मुकदमे का सामना कर रहे कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को कायम रखते हुए उनकी दो साल की सजा को बरक़रार रखा है। ऐसे में अब राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी बहाल नहीं हो पाएगी। बता दें कि कांग्रेस नेता ने खुद पर आएं फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बाकी है।
#WATCH | I'm truly disappointed by this verdict…since 1947, no one in our country has been convicted for a criminal defamation case with 2-year sentence and 2 years is also the minimum sentence required to earn disqualification from the Parliament, therefore this raises some… pic.twitter.com/s2p11nsWYu
— ANI (@ANI) July 7, 2023
राहुल गांधी पर कोर्ट के इस ताजा फैसले के बाद कांग्रेस एक बार फिर से नाराज है। वह लगातार भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को इस मामले में कटघरे में खड़ा कर रहे है। वही इस पूरे केस में अदालत के ताजा फैसले पर तिरुअनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हैरानी जताई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए प्रतिक्रिया पर शशि थरूर ने कहा है कि वह वास्तव में इस फैसले से निराश है. 1947 के बाद से, हमारे देश में किसी को भी आपराधिक मानहानि के मामले में 2 साल की सजा का दोषी नहीं ठहराया गया है और संसद से अयोग्यता अर्जित करने के लिए 2 साल की न्यूनतम सजा भी आवश्यक है, इसलिए यह जनता के सामने कुछ वाजिब सवाल खड़े करता है।
क्या कहा कोर्ट ने
न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा, राहुल गांधी पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं। निचली अदालत का कांग्रेस नेता को दोषी ठहराने का आदेश न्यायसंगत, उचित और वैध है। कोर्ट ने कहा , सजा पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है। अदालत ने कहा कि वीर सावरकर के पोते ने भी राहुल गांधी की शिकायत की थी। वही राहुल गांधी के केस दर्ज कराने वाले बीजेपी नेता पुर्णेश मोदी के वकील हर्षित टोलिया ने कहा कि हमने अखबारों में छपा एक बयान भी रिकॉर्ड पर रखा जिसमें राहुल गांधी ने कहा था, मैं वीर सावरकर नहीं हूं, सॉरी नहीं कहूंगा। दूसरे पक्ष ने इससे इनकार नहीं किया। कोर्ट ने इस पर विचार किया यह इस स्तर पर।
