भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

कोरबा। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला परिषद कोरबा द्वारा निहारिका सुभाष चौक, पुष्प लता उद्यान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिसकी अध्यक्षता कामरेड मीना यादव यादव द्वारा किया गया सर्वप्रथम भाकपा के जिला सचिव का. पवन कुमार वर्मा ने कहा कि
हर वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होता है. लेकिन यह क्यों मनाया जाता है? और कब इसकी शुरुआत हुई? सभी बहनों को जानना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन एक श्रम आंदोलन था, इस आयोजन की शुरुआत का बीज 1908 में तब पड़ा, जब न्यूयॉर्क शहर में 15 हज़ार महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और वोट देने की माँग के साथ विरोध प्रदर्शन निकाला था.

इसके एक साल बाद अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा जेटकिन नाम की महिला के दिमाग़ में आया था. उन्होंने अपना ये आइडिया 1910 में कॉपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में दिया था.
इस कांफ्रेंस में 17 देशों की 100 महिला प्रतिनिधि हिस्सा ले रही थीं, इन सबने क्लारा के सुझाव का स्वागत किया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में मनाया गया इसका शताब्दी आयोजन 2011 में मनाया गया था, इस लिहाज़ से 2024 हम लोग 113 वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं
मेहनतकश भाइयों बहनों महिलाओं पर खास तौर से शोषित पीड़ित वर्ग की महिलाओं पर लगातार अत्याचार बढ़ता जा रहा है। शोषक वर्ग के लोगों ने महिलाओं का उपभोग की वस्तु बना दिया है। शोषक वर्ग ने एक ऐसा माहौल बना रखा है की हर जगह महिलाओं पर खतरा न सिर्फ बना हुआ है बल्कि बढ़ता जा रहा है। ऑफिसों, बाजरो, दुकानों, स्कूलों , अस्पतालो, कारखानों, रेलो ,सड़कों, हवाई जहाजों ,कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है मौजूदा सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण का नारा लगा रही है दूसरी तरफ सफाई कर्मचारी, कचरा उठाने वाले कर्मचारी, आंगनवाड़ी, आशा कर्मी, स्कीम वर्कर्स के तौर पर कार्यरत महिलाओं के श्रम का जबरदस्त शोषण कर रही है। सबसे ज्यादा उत्पीड़न भूमिहीन गरीब किसान व मजदूर वर्ग की महिलाओं का हो रहा है। उपस्थित भाकपा के मध्य प्रदेश राज्य सचिव मंडल सदस्य का. अजीत जैन, पूर्व जिला सचिव का.एम एल रजक जी, तबरेज अहमद, हेमा चौहान, विजय लक्ष्मी चौहान, सुमित्रा लहरे, बुंदेश्वरी ,लक्ष्मी गोंड ,सुशीला, किरन चौहान, मानबती आदि सैकड़ो महिला उपस्थित हुए।