
कोरबा – कांग्रेस सरकार की योजनाओं से वैसे तो पूरे छत्तीसगढ़ के लोगो को कहीं न कहीं लाभ होता दिखता है लेकिन कोरबा में कइयों मौके पर ये योजनाएं केवल परेशानी का सबब बन कर रह गई है। कारण सिर्फ एक राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अदूरदर्शिता मामला शासकीय भूमि में रह रहे लोगो को पट्टा देने से जुड़ा हुआ है। प्रदेश के कई हिस्सों में पट्टे का वितरण हो गया है लेकिन कोरबा में ये वितरण सिर्फ इसलिए नहीं हो सका क्योंकि मंत्री जी ने यहां चुनावी दाव खेलते ऐलान कर दिया कि कोरबा में सार्वजनिक उपक्रमों की ज़मीन पर बसे लोगो का भी सर्वे करा उनको भी पट्टा दिया जायेगा। बस यही से मामला बिगड़ गया 4 सालों से आवेदनों से भरी फाइल बनकर तैयार है लेकिन पट्टा का वितरण नहीं हो सका है। सरकारी जमीनों में वर्षो से रह रहे लोगो को पट्टा मिल भी जाता लेकिन सार्वजनिक उपक्रमों के जमीनों का पट्टा वो भी बिना केबिनेट में पास कराए राजपत्र में प्रकाशन के सर्वे और वितरण सोचकर ही असंभव लगता है। वो भी ऐसे स्थिति में जब कंपनियों ने वो रिक्त भूमि शासन को वापस भी नहीं की है हालाकि उनकी जमीनों पर बसे लोगो को खाली कराने का इरादा भी कंपनियों का नहीं रहा है। लेकिन जुबानी जमा खर्च कर वोट बढ़ाने की जुगत में मालिकाना हक़ के इंतजार में बैठे हजारों परिवारों का इंतजार अब भी जारी है। कोरबा की जनता को लगा आज नहीं तो कल उनको पट्टा मिल ही जायेगा। क्योंकि पहले भी यहां 2 – 2 बार पट्टे बंटे है। लेकिन इस बार पट्टा नहीं बंट पाया तो केवल राजस्व मंत्री के वजह से…
भाजपा ने ठीक चुनाव से पहले पकड़ लिया मुद्दा
भाजपा ने ठीक चुनाव से पहले ये पट्टे वाला मुद्दा पकड़ लिया है। आज घंटाघर में एक विशाल सभा कर पट्टा के लिए आवेदन वापस से जमा कराए जायेंगे बाद में उनको कलेक्टर के पास जमा कराया जायेगा। कोरबा सीट से भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन को बैठे बिठाए ये मुद्दा मिल गया है अगर इस आंदोलन के बाद पट्टा वितरण हुआ वाजिब लोगो को भी तो इसका पूरा श्रेय भाजपा ही लेने वाली है। इधर नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद और सपना चौहान संयुक्त बयान जारी कर भाजपा से चुनाव के समय ही ये मुद्दा क्यों उठा रहे हो पूछ रहे है। अब कौन कब क्या मुद्दा उठाएगा ये तो उनके पार्टी के भीतर का मामला है लेकिन क्या महापौर या शहर अध्यक्ष ने पट्टे के वितरण में हो रही देरी को लेकर साल 2019 के बाद से कभी भी कोई पत्र राज्य सरकार या जिला प्रशासन को लिखा है क्या विपक्ष का काम तो मुद्दे उठाने का ही है लेकिन सवाल तो सत्ता पक्ष के लोगो से ही होगा न ?
पहले भी नए ट्रांसपोर्ट नगर की योजना राजस्व मंत्री के हठ की चढ़ गई भेंट
शहर को भारी वाहनों से मुक्ति दिलाने शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की योजना भी राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की ज़िद की भेंट चढ़ गई है। साल 2019 में मंत्री ने ही बरबसपुर में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए भूमिपूजन किया था लेकिन 5 साल महापौर के पति रहने के बाद भी वो शायद भूल गए थे की वहां निगम ही वर्षो से कचरा डंप करता रहा है यही वजह है कि उस जगह को सालो तक उपयोग नहीं किया जा सकता है। फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है साथ ही लंबित है कोरबा के लोगो की उम्मीदें जो उनको साफ सुधरे शहर को लेकर जगा रखी है।