छत्तीसगढ़

नगर निगम की लापरवाही से वोटरों के नाम गलत वार्ड में जोड़े गए, नागरिकों में आक्रोश पार्षद अब्दुल रहमान ने जिला प्रशासन से किया शिकायत….

कोरबा। हाल ही में नगर निगम कोरबा द्वारा किए गए परिसीमन के बाद, कई निवासियों के नाम गलत वार्डों में जोड़ दिए गए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में गहरी नाराजगी है। यह समस्या खासकर वार्ड क्रमांक 26 (पं. रविशंकर शुक्ल नगर वार्ड) में सामने आई है, जो पहले वार्ड क्रमांक 23 के रूप में जाना जाता था। परिसीमन के बाद इसे वार्ड क्रमांक 26 के रूप में अधिसूचित किया गया है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही से यहां के निवासियों के नाम गलत वार्डों में जोड़ दिए गए हैं। इससे आगामी चुनावों में मताधिकार के प्रयोग को लेकर लोग चिंतित हैं।

350 से अधिक नाम गलत वार्ड में जोड़े गए

पं. रविशंकर शुक्ल नगर में निवास करने वाले गणेश्वर दुबे, महेश शुक्ला, रवि जयसवाल, वैसली रत्नपारखी जैसे परिवारों के नाम दूसरे वार्डों में जोड़ दिए गए हैं। यह केवल कुछ उदाहरण हैं; पूरे रविशंकर शुक्ल नगर के एलआईजी और एमआईजी क्षेत्र से 350 से अधिक नाम गलत वार्डों में दर्ज कर दिए गए हैं। यह गंभीर लापरवाही न केवल इस क्षेत्र तक सीमित है, बल्कि पूरे वार्ड क्रमांक 26 में इसी तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं।

जनता में बढ़ता आक्रोश और शिकायतें

नगर निगम की इस लापरवाही से नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है। वार्ड के पार्षद अब्दुल रहमान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों और निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। उन्होंने इस गड़बड़ी को तुरंत सुधारने की मांग की है ताकि नागरिकों को आगामी चुनाव में मतदान करने में कोई बाधा न हो।

गलत तरीके से वार्ड परिवर्तन और परिसीमन की अनदेखी

नागरिकों का कहना है कि परिसीमन के अनुसार उनका क्षेत्र स्पष्ट रूप से वार्ड क्रमांक 26 में आता है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही के कारण उनके नाम दूसरे वार्डों में जोड़ दिए गए हैं। इस त्रुटि के कारण लोग न केवल अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं, बल्कि उनके दैनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

पं. रविशंकर शुक्ल नगर के निवासी, रवि जयसवाल का कहना है, “हम यहां सालों से रहते हैं और हर चुनाव में इसी वार्ड से वोट डालते आ रहे हैं। अब हमारा नाम दूसरे वार्ड में चला गया है और नगर निगम कोई समाधान नहीं कर रहा है।”

निगम की अनदेखी और जनता की परेशानियां

जब नागरिकों ने नगर निगम से इस बारे में शिकायत की, तो अधिकारियों ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इसके बजाय, राजपत्र में प्रकाशित जानकारी का हवाला देकर मामले को टाल दिया गया। इससे नागरिकों में नाराजगी और बढ़ गई है। लोग अपने नाम सही करवाने के लिए लगातार चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

एक स्थानीय निवासी, महेश शुक्ला कहते हैं, “हमने कई बार निगम में शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। हमें डर है कि अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया, तो हम अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।”

व्यवसाय भी प्रभावित

इस गड़बड़ी का असर न केवल नागरिकों के मताधिकार पर पड़ा है, बल्कि उनके व्यापार और रोज़मर्रा के जीवन पर भी असर पड़ रहा है। कुछ व्यापारियों का कहना है कि निगम की लापरवाही के कारण वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। मानिकपुर मुख्य मार्ग के एक व्यापारी, संजीव वर्मा ने कहा, “हमारी दुकानें वार्ड 26 में हैं, लेकिन हमारे नाम दूसरे वार्ड में जोड़ दिए गए हैं, जिससे हमें काफी दिक्कत हो रही है।”

आगामी चुनाव पर प्रभाव

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नागरिकों की चिंता बढ़ती जा रही है। यदि समय रहते इस गड़बड़ी को नहीं सुधारा गया, तो हजारों नागरिकों को उनके मताधिकार से वंचित होना पड़ सकता है। मतदाता सूची में इस त्रुटि के कारण लोग अपने मताधिकार को लेकर बेहद चिंतित हैं।

निवासी पंकज वर्मा का कहना है, “परिसीमन के अनुसार हमारा क्षेत्र वार्ड 26 में आता है, लेकिन हमारे नाम अन्य वार्डों में जोड़ दिए गए हैं। अगर निगम ने समय पर इस गलती को नहीं सुधारा, तो हम इस बार चुनाव में वोट नहीं कर पाएंगे।”

निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल

नगर निगम की इस लापरवाही ने उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों को उम्मीद थी कि परिसीमन के बाद नगर निगम उन्हें सही जानकारी देगा और मतदाता सूची में उनके नाम सही वार्डों में जोड़े जाएंगे। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है।

स्थानीय निवासी अजय शुक्ला का कहना है, “निगम की इस लापरवा…

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