Uncategorizedछत्तीसगढ़

CG NEWS : कांग्रेस नेता पर करोड़ों के गबन का आरोप, फर्जी वाउचर लगाकर उड़ा लिए सरकार के 2 करोड़ 41 लाख रुपये

लोरमी –  अचानकमार टाइगर रिजर्व के जल्दा में हुए कथित विस्थापन घोटाला का मामला एक बार फिर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुर्खियों में आ गया है. गोंगपा ने स्थानीय लोगों के साथ इस मुद्दे को उठाते हुए सप्ताह भर के भीतर न सिर्फ कार्रवाई की मांग की है, बल्कि कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिससे राजनैतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है.

दरअसल, इस मामले में शिकायतकर्ताओं के द्वारा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह का नाम इस कथित घोटाले में जोड़कर उछाला जा रहा है. शिकायतकर्ताओं द्वारा इस मामले में विस्थापन के नाम पर 2 करोड़ से ज्यादा घोटाला करने का आरोप लगाया है, जबकि सागर सिंह विस्थापन कार्य में केवल मटेरियल सप्लाई करने की बात कह रहे हैं. कार्य एजेंसी वन विभाग की होने की जानकारी है. आरोप ये भी लगाए जा रहे हैं कि, करोड़ों रुपये खर्च कर बैगा आदिवासियों को विस्थापित किया गया. मगर बुनियादी सुविधाओं के अभाव में आज भी लोग परेशान हैं. जिसे लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष भुवन सिंह श्याम के नेतृत्व में शिकायत की गई है.

इस पूरे मामले की कलेक्टर से शिकायत करते हुए शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि, 2011 में नेशनल टाइगर रिजर्व कन्जर्वेशन ऑथरिटी के गाईड लाईन के अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से वन ग्राम जल्दा को कक्ष क्रमांक 550 कठमुड़ा में व्यवस्थापन में तत्कालीन लोरमी वन परिक्षेत्र अधिकारी विजय वर्मा से सांठ-गांठ कर बिना कार्य करने का फर्जी वाउचर बनाकर 2 करोड़ 41 लाख रुपये कांग्रेस कमेटी मुंगेली के वर्तमान जिलाध्यक्ष सागर सिंह बैस, राजू उर्फ सत्यनारायण कश्यप तत्कालीन वनपरिक्षेत्र अधिकारी (रेजर) विजय वर्मा के आलावा अन्य सहयोगियों के कुल खर्च राशि 7 करोड़ 40 लाख रुपये व्यवस्थापन नीति के तहत खर्च किया गया, जिसमें सागर सिंह बैस एवं अन्य सहयोगियों के द्वारा बैगा व्यवस्थान कार्य में फर्जी वाउचर लगाकर 2 करोड़ 41 लाख रुपये गबन किया गया है.

वहीं इस मामले पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सागर सिंह बैस ने कहा, उस समय मेरी एक फर्म थी, जिसके चलते विस्थापन कार्य में मैंने केवल मटेरियल सप्लाई का काम किया है. मेरे साथ 11 अन्य लोगों ने भी इसी तरह का सप्लाई का काम किया. उन्हें टारगेट नहीं करके मेरे को टारगेट करके मेरी राजनीति छवि को विधानसभा चुनाव से पहले धूमिल करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. जबकि कार्य एजेंसी वनविभाग थी. हमने जितना सप्लाई किया था, उसका बिल वॉउचर लगाकर राशि लिया है. यदि कार्य एजेंसी के द्वारा किसी तरह की गड़बड़ी या कोई घोटाला किया गया है तो मैं खुद चाहता हूं कि उसकी जांच हो, कार्रवाई हो. लेकिन इसमें सप्लायर लोगों को बिना वजह से टारगेट किया जा रहा है. वो भी सप्लायर में मेरा नाम जानबूझकर उछाला जा रहा है, जबकि कार्य एजेंसी वन विभाग थी.

प्रशासन ने क्या कहा

अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले के द्वारा इस पूरे मामले पर शिकायत की जांच राजपत्रित अधिकारियों की टीम के द्वारा कराई जाने की बात कही है .वहीं जांच उपरांत तथ्य के मुताबिक कार्रवाई करने की बात उनके द्वारा कही गई है.

आखिर कौन है सरगना

इस मामले में कार्रवाई को लेकर जहां स्थानीय लोग एवं गोंगपा ने मोर्चा खोला है तो वहीं कांग्रेस नेता सागर सिंह बैस ने भी कहा है कि, इस मामले में कार्य एजेंसी वन विभाग है. इसलिए दोषियों पर कार्रवाई हो. यह वो खुद भी चाहते हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि, आखिर इस मामले का सरगना है कौन..? और क्या वहां तक प्रशासन की जांच की आंच पहुंच पाएगी, यह बड़ा सवाल है. क्योंकि कथित तौर पर यदि दोषी वन विभाग के अधिकारी निकले तो फिर ये अफसर वर्तमान में कहां और किस पद पर पदस्थ हैं, यह भी देखने वाली बात होगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button