
कटिहार : कर्ज के दलदल में फंसी एक महिला का अंत दुखद रहा। रिकवरी एजेंट की धमकियों से परेशान महिला को जब कुछ नहीं सूझा तो उसने फांसी लगाकर जान दे दी। महिला ने करीब 70 हजार रूपये का कर्ज एक फाइनेंस बैंक से लिया था। इसकी अदायगी और क़िस्त भुगतान के लिए बैंक के एजेंट महिला पर लगातार दबाव बना रहे थे। मामला बिहार के कटिहार का जिले का हैं। बहरहाल पुलिस ने शव को बरामद कर मामले की जांच शुरू कर दी हैं।
जानकारी के मुताबिक़ कटिहार के सागरात पंचायत के वार्ड 10 की रहने वाली पुतुल देवी ने करीब सात माह पहले उत्कर्ष फाइनेंस नाम के बैंक से 70 हजार रूपये कर्ज लिया था। इस कर्ज से वह अपनी माली हालत सुधारने की कोशिश में जुटी थी, साथ ही दो बच्चों की भी परवरिश भी कर रही थी। इस लोन के बदले उसे हर महीने बैंक को 13 सौ रुपये लौटाने थे। पुतुल बाई समय पर पैसे अदा कर रही थी लेकिन इस महीने वह क़िस्त का भुगतान नहीं कर पाई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ लोन की रिकवरी के लिए दो एजेंट पुतुल बाई के घर आये हुए थे। वे उस पर लगातार पैसे देने का दबाव डाल रहे थे। पुतुल ने जब असमर्थता जताई तो एजेंटो ने कथित तौर पर कहा कि वह फांसी लगाकर जान दे दे, लोन माफ़ हो जाएगा। एजेंटो की इसी बात से आहत दो बच्चो की माँ पुतुल बाई ने घर पर ही फंदा डाल लिया और फांसी पर झूल गई।
दूसरी तरफ उत्कर्ष बैंक के मैनेजर लोन रिकवरी के दबाव में आत्महत्या की बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। मैनेजर चेतन कुमार का कहना हैं कि महिला ने किन परिस्थितियों में अपनी जान दी हैं ये देखना होगा। पुलिस ने पूरे मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी हैं। जांच के बाद उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया हैं। बहरहाल इस तरह की घटनाओ ने फिर से एक बार प्रशासन और सरकार के उन दावों की पोल खोल दी जिसमे वे ग्रामीणों को न्यूनतम ब्याज या बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराने की बाते कहते है।


