
कोरबा – कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास सिंह के ग्रह उनका साथ नहीं दे रहे है, तभी तो इधर उनकी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एंट्री होते ही उनकी जमानत याचिका ख़ारिज हो गई। विकास सिंह पर एक आदिवासी महिला के साथ छेड़छाड़ के आरोप पर एफआईआर दर्ज है। कुछ माह पहले ही विकास सिंह ने जिला बदर मामले में कोर्ट से राहत पाई थी लेकिन इस बार किस्मत ने विकास का साथ नहीं दिया और छेड़छाड़ के मामले में विकास सिंह की लगी जमानत याचिका कटघोरा कोर्ट ने खारिज कर दी जिसके बाद अब विकास सिंह पर वापस से गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है सूत्र बताते है विकास सिंह के वकील के जैसे ही जमानत खारिज होने की सूचना दी वैसे ही विकास सिंह फरार हो गया है हालाकि पुलिस ने विकास सिंह की तलाश तेज कर दी है।
ये ख़बर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दो दिन पहले ही विकास सिंह ने सौ से अधिक तथाकथित छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानियो को कांग्रेस प्रवेश कराया था जिस मामले को लेकर सीएसके ने स्पष्ट करते हुए विकास सिंह पर झूठी वाहवाही लूटने फर्जी सेनानी के कांग्रेस प्रवेश की बात कही। विकास सिंह की लोगो को कांग्रेस प्रवेश मामले में फजीहत हो ही रही थी कि अब उसको दूसरा झटका लग गया है। हालाकि इससे पहले पीसीसी चीफ दीपक बैज की टीम में विकास सिंह की नियुक्ति चौकाने वाली थी। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नए 23 महासचिव, 140 सचिवों सहित 7 कार्यसमिति सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्तर पर की गई है। विकास सिंह को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव बनाया गया है।
विकास जो कुछ समय पहले ही जिला दंडाधिकारी कोरबा द्वारा जिला बदर किया गया था बाद में उसे उच्च न्यायालय से राहत मिली है। लेकिन उन एफआईआर का क्या जो पिछले कई सालों से कोरबा के अलग – अलग थानों में दर्ज हो विकास सिंह के गुनाहों की कहानी बयां करने को काफी है। ऐसे में ये नियुक्ति और विकास सिंह के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले कहीं कोरबा में कांग्रेस की सीटें इस बार कम न करा दें। वैसे तो 3 पंचवर्षीय चुनाव में कोरबा की 4 विधानसभा सीटों में कांग्रेस का 3 पर कब्जा रहा है !
अब तक के सर्वे में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते नज़र आ रही है लेकिन सीटों के कम होने का लगातार दावा किया जा रहा है। ऐसे में वो कम होने वाली सीटें ये विकास सिंह के गृह जिले कोरबा से तो नहीं होगी, ऐसा न हो कोरबा में कांग्रेस केवल 1 या 2 सीटों पर ही सिमट जाए फिलहाल जानकर बताते है कि प्रदेश समिति में बाकी पदों के अलावा कार्यसमिति की नियुक्ति ही मुख्य होती है जो पार्टी के लिए रणनीति बनाने का काम करते है। लेकिन पद भौकाल बनाने के लिए काफी है और इस मामले में विकास सिंह पर आरोप भी लग चुके है अब जब विकास सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है तो ऐसे में पार्टी को भी अपनी नियुक्ति को लेकर विचार करने की जरूरत मालूम होती है।