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सहायक शिक्षक फेडरेशन ने शून्य पर वापस लिया अपना आंदोलन

रायपुर । सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन की अगुवाई में 10 अगस्त से चल रहा आंदोलन सोमवार को शून्य में वापस ले लिया गया। सहायक शिक्षक अपनी एक सूत्री मांग प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। जानकारी देते हुए फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा,शिक्षक नेता बसंत कौशिक, सिराज बक्स,हुलेश चंद्राकर ईश्वर चंद्राकर, ईश्वर भोय छोटेलाल साहू ने बताया कि 12 दिन से चला आ रहा आंदोलन हमने आज मंत्रालय घेराव करने के बाद वापस ले लिया। हमे प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की ओर से आश्वासन मिला है कि दो-तीन दिन बाद चर्चा के लिए बुलाया जाएगा । जहां हमें सार्थक नतीजे भी मिल सकते।फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष बसंत कौशिक ने बताया कि शिक्षकों और छात्रों के हितों को देखते हुए हमने आंदोलन स्थगित किया है । आंदोलन खत्म नहीं हुआ है । जब तक सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति की मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन हमारे दिलों में जिंदा रहेगा और वार्ता में अगर निदान नहीं होता भविष्य में वृहद रूप से नवाचार करते हुए छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा आंदोलन किया जाएगा जिसकी गूंज प्रदेश ही नहीं पूरे देश में सुनाई देगी।

आंदोलन में पूरे प्रदेश आए फेडरेशन के जिला अध्यक्षों  -जिसमें हेम साहू, दिनेश राठौर ,रविंद्र राठौर, सुरेश नेताम, भोला शंकर साहू, राहुल डड़सेना, दिनेश नायक, शंकर लाल नेताम, कोमल साहू , शेष नाथ पांडये ,राजेश मिश्रा, धीरेंद्र माझी सहित अन्य जिला अध्यक्षों ने फेडरेशन की कोर टीम के निर्णय पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि हमने जो भी पाया है आंदोलन के दम पर ही पाया है  ।चाहे वह संविलियन हो या फिर ओल्ड पेंशन हो। क्योंकि प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है और हमारे बहुत से शिक्षक साथी अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं । ऐसे में राष्ट्रीय , प्रदेशिक, सामाजिक और शिक्षकों के हितों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

संगठन के पदाधिकारी कौशल अवस्थी और रंजीत बनर्जी ने बताया कि सरकार का रुख  सकारात्मक दिशा की ओर जा रहा है।आंदोलनों का इतिहास अब तक  रहा है कि शून्य में वापसी के बाद ही सरकार वार्ता को तैयार होती है। हमारा संविलियन का आंदोलन सबसे बड़ा उदाहरण है। इसी तर्ज पर हमको मिली सांत्वना के बाद आंदोलन को स्थगित निर्णय लिया गया है। आंदोलन खत्म नही हुआ है।

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