
शुक्रवार यानी आज बिहार कि राजधानी पटना में करीब 15 राजनीतिक दलों के नेताओं की अहम बैठक आयोजित हुई। यह बैठक गैर भाजपाई और विपक्षी दलों की थी। इस मीटिंग में देश के अलग-अलग राज्यों की क्षेत्रीय पार्टी समेत मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी शामिल हुई। कांग्रेस की ओर से बैठक की अगुवाई राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की, जबकि उनके साथ पूर्व सांसद राहुल गाँधी भी मौजूद रहे। पूरे बैठक का आयोजन बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से किया गया था जिसमे सरकार के सहयोगी राजद के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी शामिल हुए।
बैठक में उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए केंद्र से भाजपा को हटाने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ आने और आपसी सहमति के साथ चुनाव में उतरने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम सबको एक होकर लड़ना है। वही इस बैठक में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी एक नेक सलाह दे डाली, जो पूरे बैठक के दौरान चर्चा में रही।
दरअसल लालू प्रसाद यादव ने राहुल गाँधी को शादी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दूल्हा बनें हम बाराती बनेंगे। आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी बात पर सोनिया गांधी ने भी सहमति जताई है। लालू की इस सलाह पर राहुल गाँधी मुस्कुराने लगे और अपनी सहमति जताई।
हिमाचल में अगली बैठक
बता दें कि विपक्षी दलों आपसी सहमति एक साथ यह तय किया हैं कि उनकी अगली बैठक अब कांग्रेस के सत्ताधारी राज्य हिमाचल प्रदेश के राजधानी शिमला में होगी। जाहिर हैं, पटना में जहाँ इस पूरे बैठक का संयोजन और नेतृत्व जदयू-राजद ने किया तो शिमला में बैठक को सफल बनाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी। बताया जा रहा है कि यह बैठक अगले महीने के 12 जुलाई को आहूत हो सकती है। हालांकि तारीख को लेकर अभी पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है। इसकी वजह है की कई राज्यों में उप चुनाव हैं। ऐसे में नेताओ की व्यस्तता को देखते हुए आने वाले दिनों में इस पर आखिरी निर्णय लिया जाएगा।
एकजुट नजर आएं सभी
लम्बे वक़्त के बाद भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हुए लिहाजा सभी ने एक सुर में केंद्र कि मोदी सरकार पर हमला बोला। सभी ने बताया कि भाजपा किस तरह से अपनी विचारधारा थोप रही है और संवैधानिक संस्थाओ पर हमला कर रही है। बैठक में राहुल गाँधी समेत उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, उम्र अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती, अरविन्द केजरीवाल। सुप्रिया सूले और हेमत सोरेन सरीखे नेता उपस्थित रहे।
