छत्तीसगढ़

प्रभारियों की नियुक्ति, सैलजा ने आदेश पलटा, मरकाम नियुक्तियों पर अड़े, चुनाव से पहले सत्ता-संगठन में मतभेद

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में दो दिन पहले हुई नियुक्तियों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के बीच टकराव के हालात बन गए हैं। मरकाम ने दो दिन पहले नियुक्तियों की सूची जारी कर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री को बदला था और कुछ अन्य को नया काम सौंपा था। इसे लेकर संगठन में विवाद गहराया तो गुरुवार को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने एक पत्र जारी कर सारी नियुक्तियों को रद्द कर दिया।

दरअसल पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बुधवार को पांच पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी थी। मुख्यमंत्री के खेमे के नेता इससे संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि नई नियुक्तियों में न मुख्यमंत्री की राय ली गई न प्रदेश प्रभारी की। गुरूवार को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा यहां पहुंचीं तो उनके सामने भी इस मुद्दे पर तकरार हुई। बैठक के दौरान ही सैलजा ने मरकाम की नियुक्तियों को रद करने का आदेश दे दिया। सैलजा के आदेश के बाद पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी तेवर दिखाया।

शुक्रवार को मरकाम ने कहा कि नई नियुक्तियों की समीक्षा करेंगे तब निर्णय लेंगे। मरकाम के तेवर के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस में सत्ता व संगठन के बीच विवाद और गहराएगा। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा में कहा कि नया आदेश जारी होते तक उनकी जारी सूची के मुताबिक ही पदाधिकारी काम करेंगे। समय-समय पर पदाधिकारियों का कार्य विभाजन होते रहता है। जो पूर्व में पदाधिकारियों के प्रभार बदले गए थे, वो प्रभावशील रहेंगे। आगामी आदेश तक काम करते रहेंगे।

गौरतलब है कि प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने सभी नई नियुक्तियों को निरस्त करने और प्रभारी महामंत्री के पद पर रवि घोष की दोबारा नियुक्ति का आदेश जारी किया था। मरकाम ने प्रभारी महामंत्री की जिम्मेदारी अरुण सिसोदिया को सौंपी थी, जिसमें फिलहाल कोई बदलाव के लिए मरकाम तैयार नहीं हैं। कांग्रेस संगठन में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद को लेकर स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से सवाल किया गया तो वह सवालों से बचकर निकल गयीं। सैलजा ने रायपुर में दो दिनों तक बैठकें ली।

किसे क्या जिम्मेदारी दी गई थी

मरकाम द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अरूण सिसोदिया को प्रभारी महामंत्री प्रशासन और संगठन की जिम्मेदारी सौपी गई थी। इसी तरह महामंत्री रवि घोष को बस्तर संभाग प्रभारी, महामंत्री अमरजीत चावला को रायपुर शहर और युवा कांग्रेस तथा एनएसयूआई का प्रभारी, चंद्रशेखर शुक्ला को मोहला मानपुर प्रभारी तथा महामंत्री यशर्वधन राव को प्रशिक्षण प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

सैलजा ने नहीं की मीडिया से बात

कांग्रेस संगठन में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद के बीच सैलजा रायपुर आईं। सीएम हाउस में आयोजित बैठक में शामिल हुईं लेकिन उन्होंने इस दौरान मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी थी। उन्होंने एयरपोर्ट पर भी मीडिया से बात करने के इंकार कर दिया।

कोर कांग्रेस नेताओं से बैठक के बाद रद्द की गई थी लिस्ट

दो दिन पहले ही मरकाम का आदेश वायरल होने के बाद से ही पार्टी के बड़े नेताओं और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की नाराजगी सामने आई थी। आदेश जारी होने के साथ ही प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा अचानक रायपुर पहुंची और सीएम हाउस में उनकी लंबी बैठक हुई। बैठक के दौरान ही सैलजा की मरकाम के नाम की एक चिट्?ठी बाहर आई, जिसमें मरकाम द्वारा की गई नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द करने और रवि घोष को संगठन तथा प्रशासन महामंत्री पद पर नियुक्त करने की बात कही गई थी।

उच्चस्तर से भी विरोध एआईसीसी को पत्र

बताते हैं कि प्रदेश महामंत्री अमरजीत चावला को हटाने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने एआईसीसी को चिट्?ठी लिख चुके हैं। अमरजीत को मरकाम का करीबी माना जाता है, लेकिन सीएम की आपत्ति के बाद महामंत्री पद का पूरा कामकाज रवि घोषण को सौंप दिया गया था। लेकिन पीसीसी अध्यक्ष ने जारी लिस्ट में अमरजीत को और प्रभावशाली बना दिया। इसके बाद से कांग्रेस में मामला और गरमाया हुआ है।

सत्ता और संगठन का मतभेद खुल कर सामने आया

छत्तसीगढ़ में विधानसभा चुनाव के पांच महीने पूर्व सत्ता और संगठन में दरार और बढ़ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम खेमे के बीच तकरार कोई नई बात नहीं है परंतु अब मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। इससे कांग्रेस की मुश्किल बढ़ती दिख रही है जबकि भाजपा को अवसर मिल गया है। भाजपा नेता कह रहे हैं कि कांग्रेसी आपस में ही लड़ रहे हैं तो जनता का क्या भला करेंगे।

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