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चुनावी साल में घोषणावीर बने राजस्व मंत्री ! लेकिन चुनाव से पहले एक भी समाज का नहीं बना पाएंगे भवन, क्षमता से अधिक कर चुके है घोषणा, कहां से होगी घोषणा पूरी ? कहीं निजी फंड से विकास की तो नहीं हो रही तैयारी ? पढ़िए पूरी ख़बर पूर्ण रूप से निष्पक्ष होकर केवल ग्राम यात्रा न्यूज नेटवर्क के साथ…

कोरबा – कोरबा नगर पालिक निगम का मंत्री से पुराना वास्ता रहा है पहले यहां से भाजपा के महापौर रहे जोगेश लांबा हर बड़े आयोजन में नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल को मुख्य अतिथि बना देते थे, लेकिन मौजूदा कोरबा निगम महापौर राजकिशोर प्रसाद ने तो मंत्री की गरिमा ही कम कर दी है हर छोटे कार्य मसलन डेढ़ लाख रुपए से ऊपर के लगभग सभी कामों का राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के हाथों भूमिपूजन व लोकार्पण कराया जाता है।

जबकि राजस्व मंत्री का निगम के कार्य में कोई योगदान तक नहीं रहता है, हालांकि ये स्वामी भक्ति हो सकती है कि जिस मंत्री के आशीर्वाद से 4 योग्य ओबीसी दावेदारों के मौजूदगी के बाद भी फर्जी ओबीसी के आरोपों के बीच महापौर के कुर्सी पर बैठे हों उनका एहसान उतारना जरूरी होता है। लेकिन महापौर जी मंत्री जी को सिर्फ मीठा मीठा ही खिलाते है जबकि कड़वा कड़वा को या तो थू कर देते है या कोरबा सांसद के मत्थे डाल देते है !

 

आपको पंप हाउस में सांसद के घेराव का किस्सा याद ही होगा जबकि महापौर कभी मंत्री को वहां लेकर नहीं गए है न ही आपदा प्रबंधन मद से मंत्री जी से रुपयों की मांग रखी। निगम क्षेत्र में पिछले 9 साल में किसी भी वार्ड में सर्वांगीण विकास नहीं हुआ है हम दावे के साथ कह सकते है कि अगर मंत्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा निगम क्षेत्र या कोरबा विधानसभा क्षेत्र में कोई भी एक वार्ड बता दें चाहे वो उनका या उनके महापौर का वार्ड ही क्यों न हो अगर समस्या मुक्त हो तो हम पत्रकारिता करना छोड़ देंगे लेकिन जब तक समस्याएं रहेंगी हम आवाज उठाते रहेंगे ! नेताजी केवल चुनावी साल को लाभ उठाने घोषणा पर घोषणा कर रहे है अपने विधायक निधि से कई गुना ज्यादा घोषणा कर चुके है मानो खुद को ही जयसिंह सीएम घोषित कर घोषणावीर बने हुए है।

 

 

अगर इतना ही दंभ है उनमें तो जितने समाजों के लिए अभी हाल फिलहाल घोषणा किए है उनका टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी करा दिखा दें इस चुनाव से पहले, हम खुद उनके चुनाव जीतने की कामना करेंगे कभी निगम मद तो कभी प्रभारी मंत्री मद के पैसों से हो रहे निर्माण में खुद वाहवाही लूटने फावड़ा उठा पहुंच जाते है अगर पार्षद मद का पैसा खर्च हो था निर्माण कार्य में तो पार्षद को भूमिपूजन करने दीजिए मंत्री जी, अगर प्रभारी मद का पैसा खर्च हो रहा तो प्रभारी मंत्री का इंतजार कीजिए ! निगम मद से हो रहा तो महापौर और सभापति से भूमिपूजन लोकार्पण करवाइए। अगर आपमें नैकितकता है तो राजस्व एवं आपदा मद व कोरबा विधायक मद से ही स्वीकृत कार्यों को अपना बताएं और उसका शिलान्यास व भूमिपूजन करें !

 

 

खैर अब तो आप खुद को ही महापौर मान चुके है तब ही तो शौचालय तक का लोकार्पण आप स्वयं ही करना जरूरी समझते है, ऐसे में क्या आप निगम की विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेंगे जयसिंह जी ? क्यों आखिर आप सिर्फ भूमिपूजन के द्वारा जनता को लुभाने में लगे हैं आपके इस नापाक इरादे को पूरा करने में पूरा-पूरा नगर निगम अमला आपके साथ लगा है, नगर निगम के सभी कार्यों का भूमिपूजन लोकार्पण का श्रेय तो आप बतौर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ले रहे हैं,

 

फिर विफलतावो का ज़िम्मेदार कौन रहेगा ? पूछता है कोरबा ! पूरे फुटपाथ पर अवैध क़ब्ज़ा, चरमराती सफ़ाई व्यवस्था ,ख़स्ताहाल आर्थिक हालत, निगम के ठेकेदारों को सालो से भुगतान नहीं, बदहाल उद्यान, सड्क में आवारा पशुओ का मेला, ख़स्ताहाल सड़क टूटी नाली, लगभग पुराने सभी कार्य अधूरे ! इन लंबित कार्यों की ज़िम्मेदारी कौन लेगा ! मंत्री जयसिंह अग्रवाल जी क्या आप नैतिकता के नाते कोरबा की जनता को बताने की हिम्मत करेंगे की आपके विधानसभा क्षेत्र की सड़क सर्वमंगला से कुसमुंडा (इमली छापर) तक के सड़क निर्माण के ठेकेदार/पेटी ठेकेदार से आपका क्या निजी संबंध है यहां वर्षों से कुसमुंडा रोड़ पर चलना तो दूर लगातार लोग अपनी जान दे रहे है इस काम आधे अधुरे काम की वजह से हो रही दुर्घटना में जा रही जान का जिम्मेदार कौन है

 

? क्या यह सच नहीं है कि राखड का ठेका पहले आपके रिश्तेदार पेटी कॉन्ट्रेक्ट के तहत कर रहे थे तब आपने इसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाया बाद में ठेका खत्म होते ही हाय तौबा मचा दी ! आप केवल अघोषित महापौर बन अगर चुनावी साल में भूमिपूजन करेंगे तो निगम को विफलताओं की जिम्मेदारी आपको ही लेनी होगी।

 

अगर आपने किसी दूसरे महापौर को बनाया होता तो आपको चुनाव में इतना पसीना बहाना नहीं पड़ता निगम के कार्य के दम पर ही आप घर बैठे चुनाव जीत जाते लेकिन मौजूदा महापौर तो अपने वार्ड को ही दुरुस्त नहीं कर सके शहर तो दूर की बात है। अभी भी वक्त है हमारे द्वारा उठाए मुद्दों को दुरुस्त कर लीजिए वरना ये पब्लिक है सब जानती है खा पीकर आपके लिए मुसीबत न खड़ा कर दें !

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