ओडिशा ट्रेन त्रासदी: परिवार का रेलवे पर आरोप, नहीं दिया जा रहा घायल लोको पायलट से मिलने, पता नहीं कहा है

बालासोर: ओडिशा के बालासोर जिले में सामने आये भीषण रेल हादसे के बाद 270 से ज्यादा लोगों के मौत की पुष्टि हुई थी। हालाँकि इस हादसे में कोरोमंडल ट्रेन के लोकोपायलट बच गए थे। (Odisha train trgedy news and latest update) उन्हें घायल हालत में अस्पताल दाखिल कराया गया था। घायल पायलट का नाम गुनानिधा मोहंती है। गुणनिधि ओडिशा के कटक से 10 किलोमीटर की दूर नाहरपाड़ां गांव के रहने वाले है।
गुनानिधि के परिवार ने आरोप लगाया है की उन्हें उनके बेटे से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें यह भी नहीं पता की गुनानिधा कहा है। उन्हें बताया जाता है की उनका इलाज चल रहा है लेकिन उन्हें हफ्ते भर पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे गई थी। हादसे के ठीक बाद उन्हें एक बार गुनानिधा से मिलने दिया गया था जब वे आईसीयू में थे, लेकिन उसके बाद से परिवार को उनसे दूर रखा जा रहा है।
एक अखबार से हुई बातचीत के मुताबिक़ गुनानिधा मोहंती कटक से 10 किलोमीटर की दूरी पर नाहरपाड़ां गांव में रहते हैं, जहां के गलियारों में दो हफ्तों से लगातार ट्रेन हादसे की चर्चाएं हो रही हैं। खेल के मैदान, चाय की दुकान, फुटपाथ पर बैठे लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि गुनानिधि मोहंती तेज ट्रेन क्यों चला रहे थे। (Odisha train trgedy news and latest update) गुनानिधि के पिता बिष्णु चरण मोहंती ने कहा कि हर कोई सोचता है कि दुर्घटना के लिए उनका बेटा जिम्मेदार है, लेकिन वह पिछले 27 सालों से ट्रेन चला रहा है और उसने कभी गलती नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से दुर्घटना के बाद से बात ही नहीं की है तो उन्हें कैसे पता चलेगा कि उस शाम क्या हुआ था।
गुनानिधि ईस्ट कोस्ट रेलवे में तैनात हैं, लेकिन वहां उनके स्वास्थ्य के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। ईस्ट कोस्ट रेलवे के पीआरओ विकास कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य एक निजी मुद्दा है और हम उस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। इसके अलावा दो जांच (सीआरएस और सीबीआई द्वारा) चल रही हैं इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। एएमआरआई अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट दोनों को 4-5 दिन पहले छुट्टी दे दी गई थी।
