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सेना की भर्ती के लिए जा रहा हूं…ये कहते हुए संसद के बाहर युवक ने किया विरोध-प्रदर्शन

नई दिल्ली: संसद भवन के बाहर बुधवार को विरोध-प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अमोल शिंदे ने महाराष्ट्र के लातूर जिले में अपने परिवार से कहा था कि वह सेना के भर्ती अभियान में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जा रहा है। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाले दो लोगों की पहचान हरियाणा के हिसार निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर स्थित चाकुर तहसील के जरी गांव निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।

संसद भवन के बाहर गैस का ‘केन’ खोलकर धुआं फैलाने वाले दोनों लोगों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय भीम, जय भारत’ जैसे नारे लगाए। दिल्ली में हुई घटना के बाद लातूर पुलिस की टीम शिंदे के घर पहुंची। चाकुर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिंदे अनुसूचित जाति समुदाय से है और स्नातक है। पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार शिंदे ने पुलिस और सेना की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के दौरान दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम किया था। अधिकारी ने कहा कि शिंदे के दो भाई और माता-पिता भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। अधिकारी ने कहा कि माता-पिता ने पुलिस को बताया कि अमोल नौ दिसंबर को यह कहकर घर से निकला था कि वह सेना की भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है। अधिकारी ने कहा, चूंकि उसने पहले भी ऐसे भर्ती अभियानों में हिस्सा लिया था, इसलिए उसके माता-पिता को यह असामान्य नहीं लगा। उन्होंने कहा कि शिंदे किसी राजनीतिक दल या आंदोलन से जुड़ा नहीं रहा है।

अमोल शिंदे के घर पहुंची पुलिस

लातूर के चाकुर तहसील के जरी गांव के निवासी अमोल शिंदे (25 वर्षीय) को हरियाणा के हिसार की नीलम (42 वर्षीय) के साथ उस समय गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने संसद भवन के बाहर से धुआं निकालने वाले छोटे टिन के डिब्बे खोले और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय भीम-जय भारत’ के नारे लगाए। दिल्ली में हुई इस घटना के बाद लातूर पुलिस की एक टीम ने जरी गांव में उसके घर का दौरा किया।

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